Payoji Maine Ram Ratan Dhan Payo with Lyrics by Meerabai

Payoji Maine Ram Ratan Dhan Payo Lyrics

Payoji Maine Ram Ratan Dhan Payo Lyrics and PDF पायो जी मैंने राम रतन धन पायो पायो जी मैंने राम रतन धन पायो वस्तु अमोलिक दी मेरे सतगुरु कृपा कर अपनायो पायो जी मैंने कृपा कर अपनायो पायो जी मैंने राम रतन धन पायो जन्म जन्म की पूंजी पाई जग में सबी खुमायो पायो जी […]

Shri Krishna Govind Hare Murari Lyrics & PDF: By Ravindra Jain (श्री कृष्ण गोविंद हरे मुरारी)

Shri Krishna Govind Hare Murari Lyrics & PDF: By Ravindra Jain (श्री कृष्ण गोविंद हरे मुरारी)

Shri Krishna Govind Hare Murari Lyrics सच्चिदानंद रूपाय विश्वोत्पत्यादिहेतवे, तापत्रय विनाशाय श्री कृष्णाय वयं नम: ॥ श्री कृष्ण गोविन्द हरे मुरारी, हे नाथ नारायण वासुदेवा ॥ पितु मात स्वामी, सखा हमारे, हे नाथ नारायण वासुदेवा ॥ हे नाथ नारायण…॥ ॥ श्री कृष्ण गोविन्द हरे मुरारी…॥ बंदी गृह के, तुम अवतारी कही जन्मे, कही पले मुरारी […]

Govind Damodar Madhaveti With Lyrics By Bilva Mangal Thakur: Govind Damodar Madhaveti Lyrics

Govind Damodar Madhaveti Lyrics and PDF करारविन्देन पदार्विन्दं, मुखार्विन्दे विनिवेशयन्तम्। वटस्य पत्रस्य पुटेशयानं, बालं मुकुन्दं मनसा स्मरामि॥ श्री कृष्ण गोविन्द हरे मुरारे, हे नाथ नारायण वासुदेव। जिव्हे पिबस्वामृतमेव देव, गोविन्द दामोदर माधवेति॥ विक्रेतुकामा किल गोपकन्या, मुरारि पादार्पित चित्त वृतिः। दध्यादिकं मोहावशाद वोचद्, गोविन्द दामोदर माधवेति॥ गृहे-गृहे गोपवधू कदम्बा:, सर्वे मिलित्वा समवाप्य योगम्। पुण्यानि नामानि पठन्ति […]

Vrindavan Rasamrit: By Indresh Upadhyay (Vrindavan Rasamrita Lyrics & PDF)

Vrindavan Rasamrit: By Indresh Upadhyay (Vrindavan Rasamrita Lyrics & PDF)

This is a verse which has been written by the famous Bhagwat spokesperson Indresh Upadhyay with the inspiration of his own Thakurji (Shri Girdharlalji). In this verse, the glory of the seven main Thakurs of Vrindavan and the saints who revealed them has been described in a singing form. It is popular by the name […]

श्री राधा कृपा-कटाक्ष स्तोत्र PDF: By Lord Shiva (Sri Radha Kripa Kataksh)

radha kripa kataksh - vrindavanrasamrit.in

श्री राधा कृपा-कटाक्ष स्तोत्र (Sri Radha Kripa Kataksh) मुनीन्द्र–वृन्द–वन्दिते त्रिलोक–शोक–हारिणि प्रसन्न-वक्त्र-पण्कजे निकुञ्ज-भू-विलासिनि व्रजेन्द्र–भानु–नन्दिनि व्रजेन्द्र–सूनु–संगते कदा करिष्यसीह मां कृपाकटाक्ष–भाजनम् ॥१॥ Worshipped by the greatest sages, Reliever of sorrows from the three earthly realms, Whose face gleams with the radiance of a blossoming lotus, Reveling in romantic plays within the secluded forest retreats, Beloved daughter of the […]